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Wednesday March 12, 2025
Aryavart Times

दिल्ली चुनाव : 27 साल बाद बीजेपी ने की सत्ता में वापसी, आप की करारी हार

दिल्ली चुनाव : 27 साल बाद बीजेपी ने की सत्ता में वापसी, आप की करारी हार

दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद वापसी कर ली है और 70 सीटों वाली विधानसभा में 48 सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब रही। वहीं सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। आम आदमी पार्टी के उदय से पहले लगातार तीन बार शीला दीक्षित की अगुवाई में दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस को पिछले 3 चुनावों से एक सीट भी नहीं मिल पायी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी जीत पर भाजपा मुख्यालय में कहा कि पहली बार दिल्ली NCR के हर प्रदेश में भाजपा का शासन आया है। ये आजादी के बाद पहली बार हुआ है। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे हर पड़ोसी राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। ये बहुत ही सुखद संयोग है।

चुनाव में अरविंद केजरीवाल और आप के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं । भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4089 वोटों से हरा दिया। आम आदमी पार्टी के टॉप ऑर्डर पूरी तरह ढेर हो गई. मसलन मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज समेत आप के कई दिग्गज नेता हार गए ।

दिल्ली में इस बार वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को करीब 46 फीसदी वोट मिले हैं जबकि आम आदमी पार्टी करीब 44 फीसदी वोट पाने में सफल रही है। 6.40 वोट शेयर के साथ कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ईमानदार और स्वच्छ राजनीति के पैरोकार वाली छवि पर प्रहार, चुनाव लड़ने की कथित पारंपरिक शैली साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की जगह लोगों के मुद्दों को प्रमुखता और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रबंधन ने राजधानी दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सत्ता में वापसी में प्रमुख भूमिका निभाई।

जमीनी स्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बूथ स्तरीय लगातार छोटी-छोटी बैठकों ने भी भाजपा की जीत की बुनियाद गढ़ने में योगदान दिया।

नयी दिल्ली सीट पर कड़े त्रिकोणीय मुकाबले में वर्मा को 30,088 वोट मिले, जबकि केजरीवाल को 25,999 वोट मिले। कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4,568 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

केजरीवाल पर उनकी जीत से न केवल राजधानी में भाजपा के सबसे प्रमुख जाट नेताओं में से एक के रूप में उनका कद बढ़ गया है, बल्कि मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार के रूप में उनकी स्थिति भी मजबूत हो गई है।

भाजपा के मारवाह ने जंगपुरा निर्वाचन क्षेत्र में सिसोदिया को 675 मतों के मामूली अंतर से हराया। मारवाह को 38,859 वोट मिले, जबकि सिसोदिया को 38,184 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी को 7,350 वोट मिले।

 1 फरवरी को बजट जब बजट पेश हुआ तो मोदी सरकार ने अपने तरकश से एक ऐसी तीर चलाई जो सीधे जाकर निशाने पर लगी । अरविंद केजरीवाल की हार की एक और बड़ी वजह रही कांग्रेस । जितने वोट से अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट पर हारे हैं, उतने ही वोट कांग्रेस कैंडिडेट संदीप दीक्षित को मिले हैं।

 







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