सिंघु बॉर्डर पर महीनों से जारी कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन स्थल पर उस समय हड़कंप मच गया जब वहां एक 35 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला जिसका हाथ काट दिया गया था और उसे लटका दिया गया था ।
इस घटना का आरोप निहंगों के एक समूह पर लगा रहा है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी तथा उसके शरीर पर धारदार हथियार से करीब 10 जख्म थे ।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। कुछ निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी की है।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
मीडिया खबरों के अनुसार, पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास थी।
उसका शव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के पास बांध कर लटका दिया गया था।
किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है।’’
इस मामले में भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा है कि किसानों के नाम पर इस तरह की अराजकता फैला रहे लोगों के नाम उजागर किए जाने चाहिए।ताइवान को लेकर क्या अमेरिका और चीन युद्ध की तरफ आगे बढ़ रहे हैं ?
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