नई सरकार द्वारा महंगाई पर लगाम लगाने की नीतियों के तहत पिछले तीन माह में प्याज के भावों में 40 फीसद की गिरावट आई है। इस वजह से किसानों को प्याज की खेती में नुकसान होने का भय सताने लगा है। खरीफ की फसल बाजार में आने के साथ भावों में गिरावट आने लगी है। उल्लेखनीय है कि प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम में लेने के बाद व्यापारियों ने कारोबार कम कर दिया है। ऊंचे भावों पर खरीदी से परहेज करने लगे हैं। नैफेड के डायरेक्टर नाना साहेब पाटिल का मत है कि कोई भी सरकारी एजेंसी प्याज बोवनी का सही अंदाज नहीं लगा सकी है। खराब मौसम की वजह से फसल को नुकसान पहुंचने के बावजूद भी प्याज का भारी स्टॉक है। लासलगांव में प्याज की आवक पिछले वर्ष के मुकाबले सितंबर माह में 581 फीसद बढ़कर 3.85 लाख ¨क्वटल हुई जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 55,000 ¨क्वटल प्याज की आवक हुई थी। अधिक आवक का दौर अभी तक बना हुआ है।
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