केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी मामले में जमानत मिल गई है। राणे को मंगलवार को रत्नागिरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया, जहां वह ‘जन आशीर्वाद यात्रा’के तहत दौरे पर थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को लेकर नासिक में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी।
राणे ने इस याचिका में नासिक में दर्ज प्राथमिकी और भविष्य में दर्ज किए जा सकने वाले अन्य सभी मामलों को निरस्त करने का आग्रह किया गया है।
राणे ने मंगलवार को अपने वकील अनिकेत निकम के माध्यम से दायर अपनी याचिका में गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने का भी आग्रह किया है।
वहीं, राणे ने आज कहा, “मैं किसी से नहीं डरता और मैं पीछे नहीं हट रहा। मेरे शब्द मुख्यमंत्री के खिलाफ गुस्से की अभिव्यक्ति थे जो भारत की आजादी का वर्ष भूल गए थे। मैंने संवाददाताओं से सिर्फ वह कहा था जो वह पहले कह चुके हैं, इसलिए यह अपराध कैसे हो सकता है।”
राणे ने कहा कि ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आदेश दिया था कि ‘सेनाभवन’ (मुंबई स्थित पार्टी मुख्यालय) पर हमला करने वाले लोगों के जबड़े तोड़ दें।
उन्होंने दावा किया कि ठाकरे ने यह भी कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सैंडल से पिटाई की जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “शिवसेना के मुताबिक अगर मैं एक गैंगस्टर था, उसी पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया था। क्या पार्टी के लिए यह ठीक था?”
उल्लेखनीय है कि नारायण राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’के दौरान उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर कहा था कि ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’
राणे के इसी बयान पर विवाद उत्पन्न हो गया और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने अनेक जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था ।
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री राणे की गिरफ्तारी को ‘‘संवैधानिक मूल्यों का हनन’’करार दिया और मंगलवार को कहा कि पार्टी की ओर से आरंभ की गई जन आशीर्वाद यात्रा से महाराष्ट्र की सरकार परेशान है।
नड्डा ने एक ट्वीट में कहा था कि, ‘‘महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्रवाई से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेगी।’’
वहीं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि महाराष्ट्र की सरकार में 27 ऐसे मंत्री हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं, लेकिन वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि एक वक्तव्य देने के लिए एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
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