भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू आज अपना नामांकन दाखिल करेंगी। जानकारी के मुताबिक, वह 12 बजे संसद भवन में अपना नामांकन करेंगी। इस दौरान उनके साथ पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
वहीं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन कर सकते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के रूप में भाजपा की ओर से खेले गए आदिवासी कार्ड का असर दिखना शुरू हो गया है। मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद विपक्ष में दरार पड़नी शुरू हो गई है। इस क्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और जदएस ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह मुर्मू को समर्थन देने का मन बना लिया है। समझा जाता है कि दोनों दल जल्द ही इस आशय की आधिकारिक घोषणा करेंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान किया है।
नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने पहले ही मुर्मू को अपने समर्थन की घोषणा कर दी है। नीतीश कुमार की जद यू ने भी उन्हें समर्थन् देने का एलान किया है।
द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के लिए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान नामांकन पत्र में पहले प्रस्तावक बने। उन्होंने ट्वीट कर कहा, मेरा परम सौभाग्य है कि भारत की जनजातीय समाज की पहली और देश की द्वितीय महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन पत्र में प्रथम समर्थक के रूप में हस्ताक्षर करने का अवसर प्राप्त हुआ।
जनता पार्टी खासकर मोदी सरकार के कार्यकाल में ऐसा देखा गया है कि फैसले हमेशा आम धारणा या कहिए लीक से हटकर लिए जाते हैं। ताजा उदाहरण राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नाम की घोषणा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओडिशा की आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के रूप में एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार का ऐलान भाजपा के सोशल बेस- खासतौर से अनुसूचित जनजाति समुदायों में, बढ़ाने का एक सोचा-समझा कदम है। स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भाजपा आदिवासी वोटरों को आकर्षित करने के लिए मुर्मू को पार्टी की सोच 'सबका साथ सबका विकास' के हिसाब से प्रोजेक्ट करेगी।
उनका कहना है कि मुर्मू बीजेपी के उस फ्रेमवर्क में बिल्कुल फिट बैठती हैं। उनके साथ तीन महत्वपूर्ण पहचान जुड़ी हुई है- महिला, आदिवासी, गरीब- जो उनकी कहानी को और रोचक एवं प्रेरक बना देती है।
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