प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयमों पर सार्थक चर्चा की और कहा कि हमने आतंकवाद औरकट्टरवाद के खिलाफ सहयोग पर भी जोर दिया तथा 1971 की भावना को जीवंत रखने के लिए भी यह बहुत आवश्यक है कि हम ऐसी शक्तियों का मिलकर मुकाबला करें,जो हमारे आपसी विश्वास पर आघात करना चाहती हैं।
बैठक के बाद दोनों देशों ने जल, रेलवे, ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग के सात समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये ।
मोदी ने कहा कि बंगबंधु ने जिस स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बांग्लादेश का सपना देखा था, उसे साकार करने में भारत बांग्लादेश के साथ कदम से कदम मिला कर चलता रहेगा। आज हमारी बातचीत इस मूल प्रतिबद्धता को दोहराने
का भी एक उत्तम अवसर रही।
उन्होंने कहा कि ऐसी 54 नदियाँ हैं जो भारत-बांग्लादेश सीमा से गुज़रती हैं, और सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी रही हैं। ये नदियाँ, इनके बारे में लोक-कहानियां, लोक-गीत, हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के
भी साक्षी रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ आज हमने कुशियारा नदी से जल बंटवारे पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र को लाभ होगा।’’
उन्होंने कहा कि उर्जा की बढ़ती कीमतें इस समय सभी विकासशील देशों के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। आज मैत्री थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट के अनावरण से बांग्लादेश में वहनीय बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच पावर ट्रांसमिशन लाईनों को जोड़ने पर भी उपयोगी बातचीत चल रही है। रूपशा नदी पर रेल पुल का उद्घाटन, कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।
उन्होंने कहा कि यह पुल भारत की रिण सुविधा के तहत खुलना और मोंगला पोर्ट के बीच बनाई जा रही नई रेलवे लाईन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ बांग्लादेश के रेलवे सिस्टम के विकास और विस्तार के लिए भारत हर प्रकार का सहयोग ज़ारी रखेगा।’’
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमारा आपसी सहयोग भी हर क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ा है। आज बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास सहयोगी और क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा कारोबार है।
मोदी ने कहा कि हमारे घनिष्ठ सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों में भी निरंतर वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री शेख हसीना जी और मैंने सभी द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर-राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
मोदी ने कहा कि हम दोनों का मानना है कि कोविड महामारी और हाल के वैश्विक घटनाक्रम से सीख लेकर, हमें अपनी अर्थव्यवस्थाओं को और मजबूत बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे बीच कनेक्टिविटी के विस्तार से, और सीमा पर कारोबार आधारभूतढांचा के विकास से, दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे से और अधिक जुड़ेंगी, एक दूसरे को सहयोग कर पाएंगी।
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