केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए "पीएम-ई-बस सेवा" योजना को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत उन शहरों को प्राथमिकता जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है। इसके तहत योजना की कुल अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी
गई।
उन्होंने बताया कि देश में पांच लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं, इनमें से 100 शहरों का चयन इस योजना के लिए किया जायेगा और यह ‘चैलेंज मोड’ में होगा। इसके तहत 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
इन शहरों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत 181 शहरों में बुनियादी सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा
। इसके तहत 45,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर तैयार होने की उम्मीद है।
इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
स्वीकृत बस योजना के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन का विस्तार किया जाएगा।
इससे जुड़ी बुनियादी संरचना से डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास/उन्नयन के लिए सहायता मिलेगी; और ई-बसों के लिए बिहाइंड द मीटर विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर (सबस्टेशन, आदि) का निर्माण संभव होगा।
पांच लाख तक की आबादी वाले शहर को 50 बसें, 5 लाख से 20 लाख तक आबादी वाले शहर को 100 बसें और 20 से 40 लाख आबादी वाले शहर को 150 बसें दी जायेंगी।
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