गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के निपटारे के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन एक विवादमुक्त नॉर्थईस्ट के लिए ऐतिहासिक दिन है ।
उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में आज असम और मेघालय के बीच 12 में से 6 मुद्दों पर समझौता हुआ है और दोनों राज्यों के बीच लगभग 70 प्रतिशत सीमा विवादमुक्त हो गई है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के विजन की पूर्ति की दिशा में यह एक और मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 तक का सफ़र देखे तो हमने उत्तर पूर्व में शांति स्थापित करने में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, अगस्त 2019 में एनएलएफटी समझौता, 16 जनवरी 2020 को BRU-Reang समझौता, 27 जनवरी 2020 को बोडो समझौता, 4 सितंबर 2021 को कार्बी आंलांग और आज ये असम-मेघालय सीमा समझौता हुआ ।
शाह ने कहा कि जब तक राज्यों के बीच विवाद नहीं सुलझते और हथियारबंद समूहों का सरेंडर नहीं होता, तब तक नार्थईस्ट का विकास संभव नहीं है
गृह मंत्री ने कहा कि आज 50 साल पुराना एक और विवाद इस समझौते के साथ हल होने रहा है।
उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 तक 6900 से ज़्यादा हथियारबंद कैडर ने आत्मसमर्पण किया और लगभग 4800 से ज़्यादा हथियार प्रशासन के सामने सरेंडर किए गए। ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंता बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा ने इस दशकों से लंबित समस्या का समाधान करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।
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