भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने संस्मरण 'बाय मैनी अ हैप्पी एक्सीडेंट' में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनपर राज्यसभा में हंगामे के बीच विधेयकों को पारित कराने को लेकर जोर देकर था। अंसारी के अनुसार, उन्होंने हंगामे के बीच किसी भी विधेयक को पारित करने से इनकार कर दिया था।
वहीं],, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि अंसारी के उप-राष्ट्रपति पद पर रहते हुए संप्रग के कार्यकाल के दौरान कई विधेयकों को हंगामे के बीच ही पारित किया गया था।
अपनी किताब में पूर्व उप-राष्ट्रपति ने दावा किया है कि एक दिन अचानक प्रधानमंत्री मोदी उनके कमरे में आए ।
हामिद अंसारी ने किताब में हंगामे के बीच विधेयक न पारित होने देने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए लिखा कि 'दोनों यूपीए और एनडीए इससे नाखुश थे लेकिन भाजपा गठबंधन को लगा कि लोकसभा में बहुमत ने उसे राज्यसभा में प्रक्रियागत बाधाओं पर हावी होने का नैतिक अधिकार दे दिया है। मुझे इस बारे में आधिकारिक तौर पर उस वक्त मालूम चला तब पीएम मोदी बिना कार्यक्रम के मेरे कार्यालय में दाखिल हुए।'
अंसारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्यसभा के अंदर और बाहर का उनका काम सार्वजनिक है। इसपर प्रधानमंत्री ने पूछा, 'हंगामे में विधेयक क्यों नहीं पास किए जा रहे हैं?'
हालांकि सरकारी सूत्रों ने पूर्व राज्यसभा सभापति के दावों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस के शासन के दौरान 13 विधेयकों को हंगामे के दौरान पास किया गया था। ये विधेयक 2007 से 2014 के बीच पारित किए गए थे।
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