प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती पर आयोजित `एकता के लिए दौड़` में देशवासियों से बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया और कहा कि सरदार पटेल ने एक-एक कर समाधान निकाला और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया।मोदी ने कहा कि देश के लिए उनकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता ऐसी थी कि किसान, मजदूर से लेकर उद्योगपति तक, सब उन पर भरोसा करते थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएँ इतनी विकट हैं कि केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं और सरदार पटेल ने एक-एक कर समाधान निकाला और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया।प्रधानमंत्री ने ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल ने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया। चाहे जूनागढ़ हो या हैदराबाद, त्रावणकोर हो या फिर राजस्थान की रियासतें हों।उन्होंने कहा कि वह सरदार पटेल ही थे जिनकी सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से आज हम एक हिन्दुस्तान देख पा रहे हैं।एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को, हमारी भारत माँ को देख करके हम स्वाभाविक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं।मोदी ने कहा कि इस 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयन्ती तो और भी विशेष होगी - इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम स्टैच्यू आफ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊँचाई अमेरिका के स्टैच्यू आफ लिबर्टी से दो गुनी है।उन्होंने कहा कि ये विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है। हर भारतीय इस बात पर अब गर्व कर पायेगा कि दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा भारत की धरती पर है।वो सरदार पटेल जो जमीन से जुड़े थे, अब आसमान कीभीशोभा बढ़ाएँगे। मुझे आशा है कि देश का हर नागरिक ‘माँ-भारती’ की इस महान उपलब्धि को लेकर के विश्व के सामने गर्व के साथ सीना तानकरके, सर ऊँचा करके इसका गौरवगान करेगा और स्वाभाविक है हर हिन्दुस्तानी को स्टैच्यू आफ यूनिटी देखने का मन करेगा ।उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है हिन्दुस्तान से हर कोने से लोग, अब इसको भी अपना एक बहुत ही प्रिय स्थल के रूप में पसंद करेंगे।
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