अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को लेकर बड़ी घोषणा की । ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ के साथ सभी संबंध समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ उन सुधारों को आगे नहीं बढ़ा पाया जिनकी बेहद जरूरत थी।
कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर ट्रंप प्रारंभ से ही डब्ल्यूएचओ पर देर से सूचना देने का आरोप लगाते रहे हैं।
बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि जब चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ, तो डब्ल्यूएचओ ने दुनिया को इस बारे में सही जानकारी नहीं दी ।
ट्रंप ने शुक्रवार को चीन को ‘दंडित’करने के उपायों की घोषणा की । उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ पर चीन का पूरा नियंत्रण है।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘चूंकि वे बेहद जरूरी सुधारों को आगे नहीं बढ़ा पाए, ऐसे में हम आज से विश्व स्वास्थ्य संगठन से सभी संबंध समाप्त कर रहे हैं और उसके दिए जाने वाले कोष को अन्य वैश्विक और जिम्मेदार संगठनों को स्थानांतरित करेंगे।'
ट्रंप ने कहा, 'दुनिया चीन से इस वायरस पर जवाब चाहती है। इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए।] उन्होंने कहा कि चीन ने एक ऐसी वैश्विक महामारी फैलाई है जिसमें एक लाख से अधिक अमेरिकियों की जान गई है। र
अमेरिका में इसी साल चुनाव होने वाले हैं। ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए मैदान में हैं। इस महामारी से निपटने के प्रयासों को लेकर ट्रंप की भी लगातार आलोचना हो रही है। वहीं चीन ने अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए अमेरिकी नेताओं से कहा है कि वे महामारी का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद से नहीं करें।
दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों का आंकड़ा 58,71,347 पर पहुंच गया है। अभी तक यह महामारी 3,60,000 लोगों की जान ले चुकी है। कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर मध्य में चीन के वुहान शहर से हुई थी। इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दावा किया है कि ट्रंप के इस कदम से इस महामारी को हराने के वैश्विक प्रयासों को झटका लगेगा। डब्ल्यूएचओ को धन उपलब्ध कराने में अमेरिका सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के सदस्यता शुल्क और विशेष कार्यक्रमों के तहत स्वैच्छिक रूप से 45 करोड़ डॉलर का योगदान करता है।
Start the Discussion Now...