संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सेना का एक प्रतिनिधिमंडल 21 से 26 मार्च 2022 तक भारत की छह दिवसीय यात्रा पर है। प्रतिनिधिमंडल भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों का दौरा कर रहा है और दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत (एएएसटी) में भाग ले रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग एवं संबंधों को और बढ़ाना है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात सेना का प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में महाराष्ट्र के स्कूल ऑफ आर्टिलरी, आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल, नेशनल डिफेंस एकेडमी, दक्षिणी कमान के कमांड हॉस्पिटल, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल ट्रेनिंग, मिलिट्री इंटेलिजेंस स्कूल एंड डिपो और बॉम्बे इंजीनियर्स ग्रुप एंड सेंटर जैसे सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल का पुणे में लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड और टाटा मोटर्स लिमिटेड के प्रतिष्ठानों में भी जाने का कार्यक्रम है।
इसमें कहा गया है कि 25 और 26 मार्च 2022 को कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में आयोजित होने वाली उद्घाटन एएएसटी की अधिकारी स्तर की वार्ता के एजेंडे में सैन्य प्रशिक्षण, भारतीय सेना संस्थानों में पाठ्यक्रम सदस्यता में वृद्धि, द्विपक्षीय अभ्यास का संचालन तथा रक्षा तकनीकी सहयोग बढ़ाने से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
वहीं, भारतीय और उज्बेकिस्तान सेनाओं के बीच संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का तीसरा संस्करण, ईएक्स-डीयूएसटीएलआईके 22 से 31 मार्च 2022 तक यांगियारिक, उज्बेकिस्तान में आयोजित किया जा रहा है।
भारतीय दल के रूप में ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट का एक सैन्य दल, 22 मार्च 2022 को नॉर्थ वेस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के सैनिकों द्वारा प्रतिनिधित्व दल उज्बेकिस्तान सैन्य दस्ते के साथ अभ्यास में शामिल होने के लिए इस क्षेत्र के लिए रवाना हुआ। डीयूएसटीएलआईके का अंतिम संस्करण मार्च 2021 में रानीखेत (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत यह संयुक्त अभ्यास अर्ध-शहरी इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केन्द्रित होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य रूप से सामरिक स्तर के अभ्यासों को साझा करने और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रणालियों को सीखने पर केंद्रित होगा।
अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और पारस्परिक समन्वय को बढ़ाना है। यह अभ्यास 24 घंटे तक चलेगा जो दोनों सेनाओं के सैनिकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति होगी। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाएं संघर्ष के दौरान बनने वाली स्थिति से निपटने के लिए अपनाई जाने वाली चुनौतियों का सामना करेंगी।
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