मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित किए जाने के भारत के अनुरोध पर राणा को लॉस एंजिलिस में पुन: गिरफ्तार किया गया। अमेरिकी अभियोजकों ने यह जानकारी दी।
राणा (59) को अनुकंपा के आधार पर हाल में जेल से रिहा किया गया था। उसने अदालत को बताया था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था।
अभियोजकों ने बताया कि भारत ने उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद उसे 10 जून को फिर से गिरफ्तार किया गया। भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है।
मुंबई में हुए 26 :11 आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान ने अदालत को बताया कि भारत सरकार ने 1997 के द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को प्रत्यर्पित करने के लिए उसे गिरफ्तार किए जाने का अनुरोध किया था।
खबरों के अनुसार, भारत ने अमेरिका को सूचित किया कि राणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और धारा 120 बी समेत कई धाराओं के तहत अभियोग चल रहा है।
राणा पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिपोर्ट का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने का षड्यंत्र रचा। उसे 11 जून को अदालत में पेश किया गया।
कैलिफोर्निया सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की अमेरिका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में न्यायाधीश जैक्लीन चूलजियान ने राणा के खिलाफ मामला लंबित रहने तक उसे रिहा करने या नहीं करने के मामले पर सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की है। राणा के वकील से 22 जून तक याचिका दायर करने और संघीय सरकार को 26 जून तक इसका जवाब देने को कहा गया हैं।
राणा के खिलाफ भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों के संबंध में अमेरिका में एक अपराध का दोषी ठहराया गया था।
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