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Wednesday February 05, 2025
Aryavart Times

मोदी ने कोविड-19 की स्थिति पर अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा की

मोदी ने कोविड-19 की स्थिति पर अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई जिसमें दोनों नेताओं ने अपने देशों में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति, भारत में चल रहे टीकाकरण प्रयासों के माध्यम से कोरोना वायरस की दूसरी लहर को रोकने के लिए उठाये गये कदमों, महत्वपूर्ण दवाओं, चिकित्सीय और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने जैसे विषयों पर चार्चा की । 

अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह कोविशील्ड टीका के उत्पादन के लिए जरूरी खास कच्चा माल तत्काल उपलब्ध कराएगा। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि बाइडन प्रशासन घातक कोविड-19 लहर के खिलाफ भारत की जंग को मजबूती देने के लिए सभी संसाधनों और आपूर्तियों को भेजने के लिए हर वक्त काम कर रहा है।

बातचीत के बाइ मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ जो बाइडेन से सार्थक बातचीत हुई. हमने दोनों देशों में कोविड की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की ।मैंने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रदान किए जा रहे समर्थन के लिए राष्ट्रपति बिडेन को धन्यवाद दिया ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो बाइडेन ने वैक्सीन के कच्चे माल और दवाओं की सरल और कुशल आपूर्ति श्रृंखला के महत्व को भी रेखांकित किया । भारत-अमेरिका स्वास्थ्य सेवा साझेदारी कोविड-19 की वैश्विक चुनौती का समाधान कर सकती है। ’’

भारत जब अपने सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट को झेल रहा है तब ऐसे समय में उसे अधिशेष कोविड-19 टीके नहीं भेजने के लिए बाइडन प्रशासन कई वर्गों की आलोचना का सामना कर रहा है। आलोचना करने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं समर्थक भी शामिल हैं।

भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का आग्रह किया है।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आज जापान के प्रधानमंत्री महामहिम सुगा योशीहिदे के साथ फोन पर बातचीत की।

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देश में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की और इस महामारी के चलते उत्पन्न विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने इन चुनौतियों को दूर करने के लिए घनिष्ठ भारत-जापान सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। जैसे कि सहयोग को लचीला बनाने के लिए एक साथ काम करना, विविध एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाएं, महत्वपूर्ण सामग्रियों एवं तकनीकों की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना और विनिर्माण एवं कौशल विकास में नई भागीदारी विकसित करना।

बहरहाल, मीडिया की खबरों के अनुसार, कोविड-19 के मामले हाल में बढ़ जाने के बाद भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने अपने समकक्ष अजित डोभाल को रविवार को फोन कर भारत के साथ अमेरिका की एकजुटता की पुन: पुष्टि की।

बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ जाने के बाद जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टीन लॉयड ने भी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन को भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को हर संभव जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

अमेरिकी डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) भारत में टीका उत्पादक बायोई की उत्पादन क्षमता को काफी हद तक बढ़ाने के लिए निधि दे रहा है ताकि वह 2022 के अंत तक कोविड-19 की कम से कम एक अरब खुराकें तैयार कर ले।

मीडिया की खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने सोमवार को कहा कि वाशिंगटन कोविड-19 के मामलों में ‘‘भयावह’’ वृद्धि का सामना कर रहे भारत की मदद के लिए 24 घंटे काम करेगा और वह टीकों के लिए कच्ची सामग्री, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति और टीकाकरण विस्तार के लिए वित्तीय सहायता सहित हर मदद उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है । 







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