चीन इन दिनों कई कारणों से चर्चा में है। एक ओर चीन की चर्चा छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसाने को लेकर हो रही है तो दूसरी ओर तालिबान से सांढ़गांठ के प्रयासों सहित ताइवान के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करने को लेकर भी उसकी चर्चा हो रही है।
अब चीन की चर्चा एक नये कारण से हो रही है और यह देश अभी बिजली की भारी कटौती से जूझ रहा है जहां कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में घरों और कारखाने बिजली की मुसीबत का सामना कर रहे हैं। पावर ब्लैकआउट यहां असामान्य नहीं है लेकिन इस साल कई अन्य वजहों ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं के लिए मुसीबत को और भी बड़ा कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी बीजिंग और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र शंघाई समेत कई दूसरे बड़े शहरों में भारी बिजली कटौती की जा रही है। चीन में कोयले की कीमत आसमान छू रही है और इससे थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन घट गया है। बिजली की कमी से औद्योगिक उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है।
खबरों में कहा गया है कि बिजली की भारी कटौती का सामना कर रहे चीन के पूर्वोत्तर हिस्से के 'इंडस्ट्रियल हब' में यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है क्योंकि सर्दी आ रही है और यह कुछ ऐसा है जिसका प्रभाव दुनिया के बाकी हिस्सों पर भी पड़ सकता है.
चीन के स्टेट ग्रिड कार्पोरेशन ने रविवार से बीजिंग के कई क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू करने की बात कही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू हो गई है जिससे कई इलाके अंधेरे में डूब गए हैं। घरों में लोगों मोबाइल टार्च की रोशनी में गुजारा करना पड़ रहा है।
बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से कई शहरों में ट्रैफिक लाइटें बंद हो गई हैं और इसके चलते सड़कों पर भारी जाम लग रहा है। पानी की सप्लाई बाधित हुई है।
बार-बार बिजली जाने से बहुत से कीमती उपकरणों को नुकसान हुआ है और हो रहा है. निर्माण प्रक्रिया बाधित होने से कच्चा माल बर्बाद हुआ है. संवेदनशील आपूर्ति व्यवस्था भंग हुई है. आर्डर रद होने से कारोबार के अवसरों का नुकसान हो रहा है ।
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