कोरोना वायरस टीके को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। एक ओर चीन के बुहान से निकलने वाले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया और चीन बेपरवाह रहा । अब टीके को लेकर भी चीन की लापरवाही की खबर आ रही है जहां वह बिना प्रमाणिक टीके अपने श्रमिकों को लगा रहा है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसारख् चीन की सरकारी कंपनियों के श्रमिकों को कोविड-19 का टीका लगाया जा रहा है । श्रमिकों के बाद सरकारी अधिकारी और टीका बनाने वाली कंपनी के कर्मचारियों को यह वैक्सीन लगाया जाएगा । इसके बाद शिक्षक, सुपरमार्केट कर्मचारी और जोखिम भरे क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों का नंबर आएगा. चीन की यह कोरोना वैक्सीन दुनिया के स्तर पर अभी भी प्रमाणित नहीं हो पाई है. इसके बावजूद चीनी अधिकारी पारंपरिक जांच प्रक्रिया की उपेक्षा करके हजारों लोगों को टीका लगा रहे हैं।
टीके के प्रभावों की चिंता किये बगैर सरकार उन श्रमिकों में यह वैक्सीन इंजेक्ट कर रही है जिन्हें वह महत्वपूर्ण मानती है. इन महत्वपूर्ण श्रमिकों में फ़ार्मास्यूटिकल फ़र्म के कर्मचारी भी शामिल हैं. सरकारी अधिकारी अधिक से अधिक लोगों को यह वैक्सीन देने के लिए योजना बना रहे हैं ।
चीन की ओर से टीके को लेकर दिखाई जा रही हड़बड़ी ने पूरी दुनिया के विशेषज्ञों को हतप्रभ कर दिया है । किसी भी अन्य देश ने सामान्य दवा परीक्षण प्रक्रिया के बाहर इतने बड़े पैमाने पर असुरक्षित टीके वाले इंजेक्शन लोगों को नहीं लगाए हैं। लगभग सभी चीन की वैक्सीन को लेकर दिखाई जा रही हड़बड़ी ने पूरी दुनिया के विशेषज्ञों को हतप्रभ कर दिया है. किसी भी अन्य देश ने सामान्य दवा परीक्षण प्रक्रिया के बाहर इतने बड़े पैमाने पर असुरक्षित वैक्सीन वाले इंजेक्शन लोगों को नहीं लगाए हैं ।
लगभग सभी टीके परीक्षण के तीसरे चरण या टेस्ट के अंतिम चरण में हैं जो ज्यादातर चीन के बाहर आयोजित किए जा रहे हैं । इन परीक्षणों में शामिल लोगों पर कड़ी नज़र रखी जाती है और उनकी निगरानी की भी जाती है । अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि चीन उन सभी लोगों के लिए कोई ठोस कदम उठा रहा है, जिन्हें देश के भीतर ये वैक्सीन लग रही है ।
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