भारत और कंबोडिया के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत और मैत्रीपूर्ण संबंधों में आज एक और शानदार अध्याय लिखा गया जब भारतीय नौसेना पोत (आईएनएस 'किल्टन') मंगलवार को बाढ़ प्रभावितों के लिए 3,000 बाढ़ राहत किट समेत 15 टन राहत सामग्री लेकर कम्बोडिया पहुंच गया।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारतीय नौसेना के मिशन एसएजीएआर -III के तहत आईएनएस 'किल्टन' 29 दिसंबर 2020 को सिहानोकविले बंदरगाह पहुंचा। यह मिशन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण (एसएजीएआर) के अनुरूप किया जा रहा है।
रॉयल कम्बोडियन नेवी की ओर से, कमोडोर सोखेमेरा ने आईएनएस 'किल्टन' की यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया तथा कम्बोडिया के लोगों को राहत पहुंचाने के इस मानवीय सहायता के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। 30 दिसंबर 2020 को, भारत सरकार की ओर से सिहानोकविले बंदंरगाह पर आयोजित एक समारोह में, नोम पेन्ह स्थित भारतीय दूतावास के उपराजदूत एवं द्वितीय सचिव (राजनीति एवं वाणिज्य) बी. सुब्बा राव ने कंबोडिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के स्थायी अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री सैमड़ेक टेको हुन सेन के सलाहकार महामहिम हैंग सामेयुन को 15 टन बाढ़ राहत सामग्री सौंपी।
कंबोडिया की रॉयल सरकार की ओर से बाढ़ राहत सामग्री को स्वीकार करते हुए, महामहिम सामेयुन ने दोनों देशों के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन को याद किया और कंबोडिया के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
"मिशन एसएजीएआर" के तहत कंबोडिया में 15 टन बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाने के लिए आईएनएस 'किल्टन' की सिहानोकविले बंदरगाह की यात्रा भारत की करीबी समुद्री पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री मुहैया कराने की नीति (एचएडीआर) के अनुकूल है। यह मिशन यह भी रेखांकित करता है कि भारत अपने करीबी समुद्री पड़ोसी कंबोडिया से अपने संबंधों को कितनी अहमियत देता है।
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