राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ ने वॉशिंगटन के कैपिटल हिल इलाक़े पर धावा बोला और यह भीड़ वहाँ मौजूद पुलिस से भिड़ गई । इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं।
इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई।
कांग्रेस के सदस्य बुधवार को ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इन हालात में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पुलिस ने बताया कि बुधवार को कैपिटल परिसर में हंगामे और दंगे के बीच एक पुलिस अधिकारी की गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।
ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है।
डोनाल्ड ट्रंप ने हमलावर भीड़ को 'बहुत ख़ास' बताया और उनकी प्रशंसा की । राष्ट्रपति ट्रंप ने 'व्यापक चुनावी धांधली' के निराधार दावों का हवाला देकर हिंसा को उचित ठहराया ।
ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम ने इसके बाद से राष्ट्रपति के आधिकारिक अकाउंट लॉक कर दिये हैं । इन सोशल मीडिया वेबसाइट्स का कहना है कि 'ट्रंप लोगों को भड़का रहे हैं और अपने दावों से उन्हें भ्रमित कर रहे हैं ।
फ़ेसबुक ने कहा है कि वो इन प्रदर्शनों के सभी वीडियो और फ़ोटो वेबसाइट से हटाएगा ।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि "इतिहास कैपिटल में हुई हिंसा को राष्ट्र के अपमान और ज़िल्लत के रूप में याद रखेगा."
उन्होंने कहा, "इस हिंसा से हैरान होने की ज़रूरत नहीं है. लगभग दो महीने से माहौल बनाया जा रहा था. एक राजनीतिक दल और उनके समर्थक मीडिया घराने एक ऐसा माहौल बना रहे थे कि उनके समर्थकों को सच्चाई दिखाई ही ना दे ।
उन्होंने अपने समर्थकों को सच बताने की कोशिश ही नहीं की ।"
अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हंगामे और हिंसा की दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है और इसकी वजह से देश में उपजे हालात पर क्षोभ जताया है। विभिन्न देशों के नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण का आह्वान किया है।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेंसिंडा आर्डन ने एक बयान में कहा कि ‘‘जो हो रहा है, वह गलत है।’’
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल में हुई घटनाओं से दुखी हैं।’’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी संसद परिसर में अशोभनीय दृश्य देखने को मिले। अमेरिका विश्व भर में लोकतंत्र के लिए खड़ा रहता है। यह महत्वपूर्ण है कि सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण और तय प्रक्रिया के तहत उचित तरीके से हो।’’
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अमेरिका में हिंसा की घटनाओं को दुखद बताया। उन्होंने कहा, ‘‘वाशिंगटन में हंगामे और प्रदर्शन की घटनाएं व्यथित करने वाली हैं। ये चिंताजनक है।’’
अमेरिका में चीनी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को हालात से सावधान किया है। चीन ने अमेरिका में अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों और पुलिस के बीच बुधवार को हुई हिंसक झड़प पर चिंता व्यक्त की और कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी प्रदर्शनों से बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मोदी ने ट्वीट कर अमेरिका में सत्ता के सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण की प्रक्रिया को जारी रखने का आह्वान भी किया।
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