अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बाहर निकलने के अभियान के तहत काबुल से ताजिकिस्तान के दुशांबे होते हुए एयर इंडिया का विशेष विमान भारत पहुंचा और इसी विमान से गुरू ग्रंथ साहिब की तीनों प्रतियां और 44 अफगान सिख भारत लाए गए हैं।
वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर अफगानिस्तान के ताजा हालात के साथ-साथ दोनों देशों (भारत-रूस) के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अफगानिस्तान के ताजा हालात पर मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से विचारों का उपयोगी और विस्तृत आदान प्रदान हुआ।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ भारत-रूस सहयोग सहित द्विपक्षीय एजेंडे से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। महत्वपूर्ण मुद्दों पर घनिष्ट विमर्श जारी रखने पर दोनों सहमत हुए।
इस बीच,अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से भारतीय नागरिकों और अफगान सहयोगियों को सुरक्षित लाने के भारत के जटिल मिशन का नाम ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’रखा गया है।
इस अभियान के नाम के बारे में तब पता चला जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 78 और लोगों को अफगानिस्तान से लाए जाने के संदर्भ में मंगलवार को अपने एक ट्वीट में इसका उल्लेख किया।
उन्होंने लिखा, ‘‘ऑपरेशन देवी शक्ति जारी है। काबुल से 78 लोगों को दुशांबे के रास्ते लाया गया। आईएएफ-एमसीसी, एअरइंडियन और टीम एमईए को उनके अथक प्रयासों के लिए नमन।’’
भारत ने 16 अगस्त को काबुल से 40 भारतीयों को विमान से दिल्ली लाकर लोगों को सुरक्षित लाने के जटिल मिशन की शुरुआत की थी।
वहीं, तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी, यह अवधि नहीं बढ़ायी जाएगी ।
दूसरी ओर, मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिका की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक ने तालिबान के नेता अब्दुल गनी बरादर के साथ काबुल में सोमवार को गुप्त बैठक की थी।
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