देशभर में आरंभ किये गए कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत प्रारंभिक 15 दिन में टीकाकरण संबंधी प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के 7,580 मामले (0.2 प्रतिशत) मामले दर्ज किये गए हैं।
लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि टीकाकरण संबंधी प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) की एक पूर्णत: संरचनाबद्ध एवं संतुलित निगरानी प्रणाली के माध्यम से निगरानी की जाती है और यह आवश्यक नहीं है कि इसका टीके के साथ कोई संबंध हो। कोविड-19 टीकाकरण के लिये इसी प्रक्रिया का अनुपालन किया जा रहा है ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में 16 जनवरी 2021 को कोविड-19 टीकाकरण प्रारंभ किया गया है और 31 जनवरी 2021 तक किये गए कुल टीकाकरण में से एईएफआई के कुल 7,580 मामले (0.2 प्रतिशत) दर्ज किये गए हैं ।
डा. हर्षवर्द्धन ने बताया कि इनमें से अधिकतर में बेचैनी, बुखार, दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, सिर चकराना जैसी प्रतिकूल प्रभाव के मामले हैं, जिनमें सभी स्वयं ही स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक कुल टीकाकरण में से टीका लगवाने वाले 14 व्यक्तियों अर्थात 0.000372 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती कराने की और 12 व्यक्तियों अर्थात 0.000319 प्रतिशत की मौत होने की रिपोर्ट भी मिली है ।
गौरतलब है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लगभग 50 लाख लाभार्थियों को टीके लगाए जा चुके हैं जबकि देश में उपचाराधीन रोगियों की संख्या कम होकर 1.51 लाख पर आ गई है।
डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि कोविड-19 के दो टीकों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 16 जनवरी 2021 को कोविड टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गई थी और देश में अब तक 50 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, ‘‘ अभी सात टीकों पर काम चल रहा है। इनमें से तीन टीके क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। जबकि दो टीके ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में तथा दो टीके अग्रिम प्री-क्लिनिकल चरण में हैं।’’
उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण अभियान के तहत पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले दो करोड़ कार्यकर्ताओं (फ्रंटलाइन वर्कर) को टीका लगाया जायेगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को मार्च के दूसरे या तीसरे सप्ताह से टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।’’ मंत्री ने कहा कि अनुमानित तीन करोड़ स्वास्थ्य परिचर्या कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण के लिये आने वाला व्यय लगभग 480 करोड़ रूपये है।
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