फेफड़ा और टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल नारायण बंते ने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत –70 प्रतिशत रोगियों को ठीक होने के 3-6 महीने बाद तक मरीजों को कोविड के बाद के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, घबराएं नहीं, चिकित्सक से जांच करवाएं ।
उन्होंने कहा कि कोविड ठीक होने के बाद में शरीर को फिर से बनाने के लिए प्रोटीन, सब्जियां, फाइटो-पोषक तत्व तथा पर्याप्त पानी का सेवन करें। यदि हमारा भोजन शरीर के अनुरूप नहीं है, तो यह हमारे मूड को भी खराब करता है, जो कोविड के बाद की अवधि में मनोवैज्ञानिक लक्षणों का एक कारण है ।
बंते ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर में कोविड-19 हो कर उससे ठीक हो जाने वाले बड़ी संख्या में लोग कोविड-19 सिंड्रोम का सामना कर रहे हैं।
पोस्ट-कोविड-19 सिंड्रोम क्या है?
कोविड रोगी अधिकतर 2 - 4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। फिर भी कुछ रोगियों में कोविड के लक्षण चार सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं। ऐसी स्थिति को “एक्यूट पोस्ट कोविड सिंड्रोम” के रूप में जाना जाता है। यदि लक्षण 12 महीने के बाद भी बने रहते हैं, तो इसे “पोस्ट कोविड सिंड्रोम” के रूप में जाना जाता है।
पोस्ट- कोविड-19 के सबसे आम लक्षण:
कमजोरी / थकान
सांस लेने में दिक्कत
घबराहट
अधिक पसीना आना
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
स्वाद और गंध अनुभव न होना
निद्रा संबंधी परेशानियां
पोस्ट कोविड-19 लक्षणों के कारण?
कोविड-19 के बाद के लक्षणों के यह दो प्रमुख कारण हैं:
वायरस से संबंधित: कोरोना वायरस न केवल हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है, बल्कि लीवर, मस्तिष्क और किडनी सहित सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमारे शरीर को संक्रमण से उबरने में समय लगता है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता से संबन्धित: वायरस के प्रवेश से हमारा इम्यून सिस्टम हाइपरएक्टिव (अति सक्रिय) हो जाता है। शरीर और वायरस के बीच लड़ाई में विभिन्न रसायन निकलते हैं जो हमारे अंगों में सूजन पैदा करते हैं। कुछ रोगियों में यह सूजन लंबे समय तक बनी रहती है।
कुछ सामान्य पोस्ट-कोविड सिंड्रोम -
थ्रोम्बोएम्बोलिज़्म सबसे अधिक आशंका वाली पोस्ट-कोविड-19 स्थिति है। इसमें रक्त के थक्के रक्त वाहिका में रुकावट डालते हैं। इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि थक्के कहां हैं। हालांकि, कोविड-19 से ठीक होने वाले 5 प्रतिशत से कम रोगियों में ही थ्रोम्बोएम्बोलिज़्म पाया जा रहा है।
पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों में रक्त के थक्के के शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई और रक्तचाप में गिरावट शामिल है। ऐसे रोगियों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने और आगे पता लगाने की आवश्यकता होती है।
उच्च डी-डिमर स्तर:
तीव्र से गंभीर रोगियों और उच्च डी-डिमर स्तर वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के साथ-साथ पोस्ट कोविड-19 अवधि में 2-4 सप्ताह के लिए चिकित्सीय एंटी-कोगुलेंट (थक्के गलाने) की आवश्यकता हो सकती है। परंतु एंटी-कोगुलेंट्स को चिकित्सक के की राय पर सुरक्षित तरीके से लिया जाना चाहिए।
पुरानी खांसी:
एक अन्य प्रमुख पोस्ट-कोविड-19 संक्रमण का लक्षण ठीक न हो रही पुरानी खांसी या संक्रमण के बाद की खांसी है। हमारे श्वासमार्ग में संक्रमण और सूजन के कारण ठीक होने के बाद भी मरीज में सूखी खांसी बनी रह सकती है। ठीक होने की प्रक्रिया शुरू होने पर भी फेफड़ों में सूजन के कारण भी खांसी बनी रह सकती है। सूखी खांसी का अनुभव करने वाले रोगियों के लिए गहरी सांस लेने के व्यायाम की सलाह दी जाती है।
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