मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में विचारधारा से जुड़े भाजपा के कोर एजेंडे को काफी हद तक पूरा किया लेकिन कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समक्ष नयी और बड़ी चुनौती पैदा हो गई है और अब पूरा ध्यान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की ओर आ गया है।
भाजपा नीत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार शनिवार को सरकार गठन की पहली वर्षगांठ मनाने जा रही है। ऐसे में पहला साल को हिन्दुत्व विचारधारा से जुड़ी दशकों पुरानी मांग को पूरा करने के रूप में याद किया जा सकता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल हुई थी जो मुख्य एजेंडे को आगे बढ़ाने की अपेक्षा के रूप में देखा जा रहा था ।
कोविड-19 के कारण इस बार भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को सामान्य रूप से ही मनाया जायेगा । पिछले कुछ महीने में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी संगठन और मोदी सरकार का मुख्य जोर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने पर ही केंद्रीत रहा ।
इस वर्ष के प्रारंभ में ही जे पी नड्डा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था । इससे पहले अमित शाह पार्टी अध्यक्ष थे जिन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री का दायित्व सौंपा गया ।
पिछले समय में भाजपा को झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हालांकि वह मध्यप्रदेश और कर्नाटक में सत्ता प्राप्त करने में सफल रही । कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने ।
इस दौरान हालांकि भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना उससे अलग हो गई और महाराष्ट्र में शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई ।
केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जून से एक महीने का अभियान शुरू करेगी जिसमें देश के हर जिले में कम से कम एक वर्चुअल रैली आयोजित करना शामिल है। भाजपा वर्चुअल रैलियों के जरिये प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान, 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज, कोविड-19 से जुड़े विषयों सहित जन कल्याण कार्यो के बारे में लोगों को बतायेगी ।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा होने के अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष फेसबुक के माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे । उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा लिखा पत्र पार्टी के कार्यकर्ता करीब 10 करोड़ घरों तक पहुंचाने का काम करेंगे।
बहरहाल,मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे से जुड़े अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण जैसे दो मुद्दे का समाधान निकलने के रूप में रेखांकित किया जा सकता है । ये दोनों मुद्दे कई दशकों से भाजपा के घोषणापत्र में शामिल रहे हैं और पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं ।
सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने वाला विधेयक पारित कराने के साथ संसद में एक प्रस्ताव पारित करके जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया । वहीं, उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ के आदेश से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ । ये दोनों विषय हिन्दुत्व के एजेंडे में शीर्ष पर थे और भाजपा के विचारधार से जुड़े थे । इन मुद्दों को पैरोकारी करने के कारण ही भाजपा को 90 के दशक में सहयोगी जुटाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था । इसके अलावा भाजपा नीत सरकार ने मुसलमानों में एक बार में तीन तलाक को आपराधिक बनाया । इसके अलावा विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया ।
सीएए के पारित होने से मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों के ऐसे गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हुआ जो धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं । इसके कारण कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए । इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने पर चर्चा नहीं की है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा ।
बहरहाल, कोविड-19 देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गई और इस दौरान प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया । इस महामारी का स्वास्थ्य पर प्रभाव के साथ अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव सामने आया है । कोविड-19 ने सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती पेश कर दी है ।
कोविड-19 के कारण इस बार भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को सामान्य रूप से ही मनाया जायेगा । पिछले कुछ महीने में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी संगठन और मोदी सरकार का मुख्य जोर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने पर ही केंद्रीत रहा ।
इस वर्ष के प्रारंभ में ही जे पी नड्डा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था । इससे पहले अमित शाह पार्टी अध्यक्ष थे जिन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री का दायित्व सौंपा गया ।
पिछले समय में भाजपा को झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हालांकि वह मध्यप्रदेश और कर्नाटक में सत्ता प्राप्त करने में सफल रही । कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने ।
इस दौरान हालांकि भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना उससे अलग हो गई और महाराष्ट्र में शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई ।
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